माँ से ही संसार है, माँ ही तारनहार। माँ जगजननी शारदा, जग की खेवनहार।। माँ से ही संसार है, माँ ही तारनहार। माँ जगजननी शारदा, जग की खेवनहार।।
मनुजता के हम काम आएं। सत्य की राह पर हाथ थाम चलो। जय नील सरस्वती तारा जय। जय-जय शारदा माता जय। मनुजता के हम काम आएं। सत्य की राह पर हाथ थाम चलो। जय नील सरस्वती तारा जय। ज...
कलाप्रवीणा विशारदा सा मम प्रिया॥ शास्त्रर्थे गार्गी मनीषा सा मम प्रिया॥ कलाप्रवीणा विशारदा सा मम प्रिया॥ शास्त्रर्थे गार्गी मनीषा सा मम प्रिय...
ज्योति प्रकाशित पथ दे माँ ज्योति प्रकाशित पथ दे माँ
चढ़ गयी मैं तो दरश के,आशा लेके, ऊँचा पहाड़ रे की अँखियों से.. माता भवानी ककी .. मैहर वाली शारदा माई... चढ़ गयी मैं तो दरश के,आशा लेके, ऊँचा पहाड़ रे की अँखियों से.. माता भवानी ककी .. ...
स्वर्ग,धर्म और तपस्यापिता के रुप हैं।तीर्थ, मोक्ष और ईश्वरमाता स्वरुप हैं। स्वर्ग,धर्म और तपस्यापिता के रुप हैं।तीर्थ, मोक्ष और ईश्वरमाता स्वरुप हैं।